क्र. | विषय | लेखक | पृ.सं. |
1. | वैदिककालीन स्थापत्यकला | गोविन्द वल्लभ | 02 |
2. | बह्मगुप्त का भारतीय गणित में योगदान | राघवेन्द्र त्रिवेदी | 06 |
3. | भारतीय ज्योतिषशास्त्र में पूर्वमध्यकाल का योगदान | डॉ. मृत्युञ्जय कुमार तिवारी | 10 |
4. | मनुस्मृति में वर्णित संस्कार-एक विश्लेषण | डॉ. रघुनाथ प्रसाद | 12 |
5. | संग्रह-ग्रन्थों में वर्णित चार्वाक-दर्शन का स्वरूप | डॉ. राजकिशोर आर्य | 15 |
6. | हरिवंश पुराण में दार्शनिक तत्व | पंकज सिंह रघुवंशी | 19 |
7. | श्रीमद्भगवद्गीता : सार्वभौमिक दर्शन का मूलमंत्र | डॉ. नीरज शर्मा | 22 |
8. | ध्वन्यालोक ग्रन्थ में सम्वाद विचार | डॉ. हीरालाल दाश | 25 |
9. | काव्यशास्त्रों में उपमालङ्कार | डॉ. गीताञ्जली नायक | 27 |
10. | भारत की वन संपदा का सूक्ष्म विवेचन | संजीव कुमार | 29 |
11. | धम्मपद में प्रतिपादित नैतिक तत्त्व | जितेन्द्र कुमार धनवारे | 31 |
12. | मुक्तक काव्य की विशेषताएँ | डॉ. कृष्ण चन्द्र पण्डा | 35 |
13. | नई दुनिया की हिन्दी में भी क्या कबीर का मानव एकात्मवाद सार्थक हैं ? | डॉ. रंजनलता | 38 |
14. | कालिदास के ग्रन्थों में मानव और पर्यावरण का परस्पर सम्बन्ध | डॉ. अच्छेलाल | 42 |
15. | संत साहित्य में महिला संत का अवदान | रूपा चन्द्रोल | 45 |
16. | वेद में विश्व शान्ति के विविध आयाम | सुनील | 47 |